शिक्षा वह है जो मानवता से युक्त हो !
नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण हो !!
प्रगतिशील राष्ट्र का आधार हो !
रचनात्मकता से युक्त हो !!
रावत सीनियर सैकण्डरी स्कूल, विवेक विहार, रावत एजुकेशनल ग्रुप का आधार स्तम्भ है। यह रावत एजुकेशनल ग्रुप की बुनियाद है और यह छोटी सी शुरूआत आज विविध विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के रूप में विस्तारित हो चुकी है। 1983 में रावत एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन श्री बी.एस.रावत ने रावत बाल विद्या निकेतन के रूप में इसकी स्थापना की। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा प्रमाणित यह विद्यालय आज सर्वाधिक योग्यता सूची में नाम अंकित कराने वाले विद्यार्थियों के प्रयास हेतु प्रसिद्ध है। 5 शिक्षको एवं 50 विद्यार्थियों का स्थान आज 3,000 विद्यार्थी एवं 100 शिक्षक ले चुके हैं। कक्षा 12 तक संचालित यह विद्यालय कला, वाणिज्य एवं विज्ञान वर्ग में प्रवेश उपलब्ध कराकर ज्ञानार्जन कराता है। मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है।
रावत एजुकेशनल ग्रुप संस्कारों की शिक्षा पर बल देता हैं। यहाँ शिक्षा का मुख्य ध्येय नैतिकता, मूल्य एवं चरित्र निर्माण है, जिससे विद्यार्थी जीवन में एक अच्छे इंसान बन सके। जैसा कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि “जिस शिक्षा से विद्यार्थी अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके, चरित्र का गठन कर सके और विचारों का सामंजस्य कर सके, वहीं वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।“ सम्पूर्ण रावत ग्रुप इन्हीं आदर्शो को चरितार्थ करने के लिए दृढ़ संकल्प है।
रावत सीनियर सैकण्डरी स्कूल, विवेक विहार में शिक्षा को व्यापक रूप में प्रदान कर विद्यार्थियों का सर्वांगिण विकास किया जाता है। आधुनिक युग में जहाँ भौतिकतावादी विचारों को अधिक बल दिया जाता है, वहीं आध्यात्मिक शिक्षा एवं नैतिकता के गुणों का विचार करना यहाँ का प्रमुख ध्येय है और कहा भी गया है कि Education is simply the soul of a society as it passes from one generation from another. इसी धारणा के साथ एक स्वस्थ विचारधारा को युवा वर्ग में प्रवाह करना जिससे वे प्रगतिशील राष्ट्र के आधार बन सके, यही विद्यालय का प्रमुख ध्येय है।